रहा जो दिल में

रहा जो दिल में धड़कन बन के
बिछड़ा मुझसे वो बेवफा बन के
ना उम्मीद रही जीने की अब ए दोस्तो
मिली हमें दवा भी एक सज़ा बन के

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