ओस की बुँद सी होती है बेटीयाँ..

ओस की बुँद सी होती है बेटीयाँ..
सपर्श खुरदरा हो तो रोती है बेटीयाँ..

रोशन करेगा बेटा तो एक कुल को..
दो दो कुलो की लाज होती है बेटीयाँ..

कोई नही है एक दुसरे से कम..
हीरा अगर है बेटा ....
..... तो सुचा मोती हैं बेटीयाँ...

काँटो की राह पर ये खुद ही चलती हैं..
औरो के लिए फुल होती है बेटीयाँ...

विधी का विधान है.. यही दुनीयाँ की रसम है..
मुठी भर नीर सी होती है बेटीयाँ...


Oas Ki Boond Si Hoti Hai Betiyan..
Sparsh Khurdara Ho To Roti Hai Betiyan..

Roshan Karega Beta To Ek Kul Ko…
Do Do Kulon Ko Ki Laj Hoti Hai Betiyan…

Koi Nahi Hai Ek Dusre Se Kam..
Heera Agar Hai Beta..
To Sucha Moti Hai Betiyan..

Kanton Ki Rah Par Yeh Khud Hi Chalti Hai…
Auron Ke Liye Phool Hoti Hai Betiyan..

Vidhi Ka Vidhan Hai..
Yahi Dunia Ki Rasam Hai..
Muthi Bhar Neer Si Hoti Hai Betiyan… 

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