ज़मीन से आसमान

ज़मीन  से  आसमान  तक ,  इश्क़  का  ही  बोल बाला  है,
इश्क़  के  करने  का  लेकिन,  सभी  का  ढंग निराला है.
इश्क़  करती  चकोरी,  चाँद  उसके  दिल  में बसता है.
इश्क़   की  बूँद  की  खातिर , पपीहा  भी तरसता  है.

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